महाभारतम् — 12.3.10
Original
Segmented
यदा तु रुधिरेण अङ्गे परिस्पृष्टो भृगूद्वहः तदा अबुध्यत तेजस्वी संतप्तः च इदम् अब्रवीत्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यदा | यदा | pos=i |
तु | तु | pos=i |
रुधिरेण | रुधिर | pos=n,g=n,c=3,n=s |
अङ्गे | अङ्ग | pos=n,g=n,c=7,n=s |
परिस्पृष्टो | परिस्पृश् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
भृगूद्वहः | भृगूद्वह | pos=n,g=m,c=1,n=s |
तदा | तदा | pos=i |
अबुध्यत | बुध् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
तेजस्वी | तेजस्विन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
संतप्तः | संतप् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
च | च | pos=i |
इदम् | इदम् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
अब्रवीत् | ब्रू | pos=v,p=3,n=s,l=lan |