Original

स तु स्वभावसंपन्नस्तच्छ्रुत्वा मुनिभाषितम् ।विनिवर्त्य मनः कामाद्धर्मे बुद्धिं चकार ह ॥ २५ ॥

Segmented

स तु स्वभाव-सम्पन्नः तत् श्रुत्वा मुनि-भाषितम् विनिवर्त्य मनः कामाद् धर्मे बुद्धिम् चकार ह

Analysis

Word Lemma Parse
तद् pos=n,g=m,c=1,n=s
तु तु pos=i
स्वभाव स्वभाव pos=n,comp=y
सम्पन्नः सम्पद् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
तत् तद् pos=n,g=n,c=2,n=s
श्रुत्वा श्रु pos=vi
मुनि मुनि pos=n,comp=y
भाषितम् भाषित pos=n,g=n,c=2,n=s
विनिवर्त्य विनिवर्तय् pos=vi
मनः मनस् pos=n,g=n,c=2,n=s
कामाद् काम pos=n,g=m,c=5,n=s
धर्मे धर्म pos=n,g=m,c=7,n=s
बुद्धिम् बुद्धि pos=n,g=f,c=2,n=s
चकार कृ pos=v,p=3,n=s,l=lit
pos=i