महाभारतम् — 12.296.20
Original
Segmented
निःसङ्ग-आत्मानम् आसाद्य षड्विंशकम् अजम् विदुः विभुः त्यजति च अव्यक्तम् यदा तु एतत् विबुध्यते चतुर्विंशम् अगाधम् च षड्विंशस्य प्रबोधनात्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
निःसङ्ग | निःसङ्ग | pos=a,comp=y |
आत्मानम् | आत्मन् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
आसाद्य | आसादय् | pos=vi |
षड्विंशकम् | षड्विंशक | pos=a,g=m,c=2,n=s |
अजम् | अज | pos=a,g=m,c=2,n=s |
विदुः | विद् | pos=v,p=3,n=p,l=lit |
विभुः | विभु | pos=a,g=m,c=1,n=s |
त्यजति | त्यज् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
च | च | pos=i |
अव्यक्तम् | अव्यक्त | pos=n,g=n,c=2,n=s |
यदा | यदा | pos=i |
तु | तु | pos=i |
एतत् | एतद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
विबुध्यते | विबुध् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
चतुर्विंशम् | चतुर्विंश | pos=a,g=m,c=2,n=s |
अगाधम् | अगाध | pos=a,g=m,c=2,n=s |
च | च | pos=i |
षड्विंशस्य | षड्विंश | pos=a,g=m,c=6,n=s |
प्रबोधनात् | प्रबोधन | pos=n,g=n,c=5,n=s |