Original

स्थिरीकृत्येन्द्रियग्रामं मनसा मिथिलेश्वर ।मनो बुद्ध्या स्थिरं कृत्वा पाषाण इव निश्चलः ॥ १४ ॥

Segmented

स्थिरीकृत्य इन्द्रिय-ग्रामम् मनसा मिथिला-ईश्वर मनो बुद्ध्या स्थिरम् कृत्वा पाषाण इव निश्चलः

Analysis

Word Lemma Parse
स्थिरीकृत्य स्थिरीकृ pos=vi
इन्द्रिय इन्द्रिय pos=n,comp=y
ग्रामम् ग्राम pos=n,g=m,c=2,n=s
मनसा मनस् pos=n,g=n,c=3,n=s
मिथिला मिथिला pos=n,comp=y
ईश्वर ईश्वर pos=n,g=m,c=8,n=s
मनो मनस् pos=n,g=n,c=2,n=s
बुद्ध्या बुद्धि pos=n,g=f,c=3,n=s
स्थिरम् स्थिर pos=a,g=n,c=2,n=s
कृत्वा कृ pos=vi
पाषाण पाषाण pos=n,g=m,c=1,n=s
इव इव pos=i
निश्चलः निश्चल pos=a,g=m,c=1,n=s