महाभारतम् — 12.294.1
Original
Segmented
करालजनक उवाच नानात्व-एकत्वम् इति उक्तम् त्वया एतत् ऋषि-सत्तम पश्यामि च अभिसंदिग्धम् एतयोः वै निदर्शनम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
करालजनक | करालजनक | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
नानात्व | नानात्व | pos=n,comp=y |
एकत्वम् | एकत्व | pos=n,g=n,c=1,n=s |
इति | इति | pos=i |
उक्तम् | वच् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
त्वया | त्वद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
एतत् | एतद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
ऋषि | ऋषि | pos=n,comp=y |
सत्तम | सत्तम | pos=a,g=m,c=8,n=s |
पश्यामि | दृश् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
च | च | pos=i |
अभिसंदिग्धम् | अभिसंदिह् | pos=va,g=n,c=2,n=s,f=part |
एतयोः | एतद् | pos=n,g=n,c=6,n=d |
वै | वै | pos=i |
निदर्शनम् | निदर्शन | pos=n,g=n,c=2,n=s |