महाभारतम् — 12.290.1
Original
Segmented
युधिष्ठिर उवाच सम्यक् त्वया अयम् नृपते वर्णितः शिष्ट-संमतः योग-मार्गः यथान्यायम् शिष्याय इह हित-एषिणा
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
युधिष्ठिर | युधिष्ठिर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
सम्यक् | सम्यक् | pos=i |
त्वया | त्वद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
अयम् | इदम् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
नृपते | नृपति | pos=n,g=m,c=8,n=s |
वर्णितः | वर्णय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
शिष्ट | शास् | pos=va,comp=y,f=part |
संमतः | सम्मन् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
योग | योग | pos=n,comp=y |
मार्गः | मार्ग | pos=n,g=m,c=1,n=s |
यथान्यायम् | यथान्यायम् | pos=i |
शिष्याय | शिष्य | pos=n,g=m,c=4,n=s |
इह | इह | pos=i |
हित | हित | pos=n,comp=y |
एषिणा | एषिन् | pos=a,g=m,c=3,n=s |