Original

जनक उवाच ।किं कर्म दूषयत्येनमथ जातिर्महामुने ।संदेहो मे समुत्पन्नस्तन्मे व्याख्यातुमर्हसि ॥ ३१ ॥

Segmented

जनक उवाच किम् कर्म दूषयति एनम् अथ जातिः महा-मुने संदेहो मे समुत्पन्नः तत् मे व्याख्यातुम् अर्हसि

Analysis

Word Lemma Parse
जनक जनक pos=n,g=m,c=1,n=s
उवाच वच् pos=v,p=3,n=s,l=lit
किम् pos=n,g=n,c=1,n=s
कर्म कर्मन् pos=n,g=n,c=1,n=s
दूषयति दूषय् pos=v,p=3,n=s,l=lat
एनम् एनद् pos=n,g=m,c=2,n=s
अथ अथ pos=i
जातिः जाति pos=n,g=f,c=1,n=s
महा महत् pos=a,comp=y
मुने मुनि pos=n,g=m,c=8,n=s
संदेहो संदेह pos=n,g=m,c=1,n=s
मे मद् pos=n,g=,c=6,n=s
समुत्पन्नः समुत्पद् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
तत् तद् pos=n,g=n,c=2,n=s
मे मद् pos=n,g=,c=6,n=s
व्याख्यातुम् व्याख्या pos=vi
अर्हसि अर्ह् pos=v,p=2,n=s,l=lat