Original

जनक उवाच ।ब्रह्मणैकेन जातानां नानात्वं गोत्रतः कथम् ।बहूनीह हि लोके वै गोत्राणि मुनिसत्तम ॥ १० ॥

Segmented

जनक उवाच ब्रह्मणा एकेन जातानाम् नानात्वम् गोत्रतः कथम् बहूनि इह हि लोके वै गोत्राणि मुनि-सत्तम

Analysis

Word Lemma Parse
जनक जनक pos=n,g=m,c=1,n=s
उवाच वच् pos=v,p=3,n=s,l=lit
ब्रह्मणा ब्रह्मन् pos=n,g=m,c=3,n=s
एकेन एक pos=n,g=m,c=3,n=s
जातानाम् जन् pos=va,g=m,c=6,n=p,f=part
नानात्वम् नानात्व pos=n,g=n,c=1,n=s
गोत्रतः गोत्र pos=n,g=n,c=5,n=s
कथम् कथम् pos=i
बहूनि बहु pos=a,g=n,c=1,n=p
इह इह pos=i
हि हि pos=i
लोके लोक pos=n,g=m,c=7,n=s
वै वै pos=i
गोत्राणि गोत्र pos=n,g=n,c=1,n=p
मुनि मुनि pos=n,comp=y
सत्तम सत्तम pos=a,g=m,c=8,n=s