महाभारतम् — 12.282.1
Original
Segmented
पराशर उवाच वृत्तिः सकाशाद् वर्णेभ्यः त्रिभ्यः हीनस्य शोभना प्रीत्या उपनीता निर्दिष्टा धर्मिष्ठान् कुरुते सदा
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
पराशर | पराशर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
वृत्तिः | वृत्ति | pos=n,g=f,c=1,n=s |
सकाशाद् | सकाश | pos=n,g=m,c=5,n=s |
वर्णेभ्यः | वर्ण | pos=n,g=m,c=5,n=p |
त्रिभ्यः | त्रि | pos=n,g=m,c=5,n=p |
हीनस्य | हा | pos=va,g=m,c=6,n=s,f=part |
शोभना | शोभन | pos=a,g=f,c=1,n=s |
प्रीत्या | प्रीति | pos=n,g=f,c=3,n=s |
उपनीता | उपनी | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
निर्दिष्टा | निर्दिश् | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
धर्मिष्ठान् | धर्मिष्ठ | pos=a,g=m,c=2,n=p |
कुरुते | कृ | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
सदा | सदा | pos=i |