महाभारतम् — 12.276.43
Original
Segmented
यत्र संलोडिता लुब्धैः प्रायशो धर्म-सेतवः प्रदीप्तम् इव शैल-अन्तम् कः तम् देशम् न संत्यजेत्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यत्र | यत्र | pos=i |
संलोडिता | संलोडय् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
लुब्धैः | लुभ् | pos=va,g=m,c=3,n=p,f=part |
प्रायशो | प्रायशस् | pos=i |
धर्म | धर्म | pos=n,comp=y |
सेतवः | सेतु | pos=n,g=m,c=1,n=p |
प्रदीप्तम् | प्रदीप् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
इव | इव | pos=i |
शैल | शैल | pos=n,comp=y |
अन्तम् | अन्त | pos=n,g=m,c=2,n=s |
कः | क | pos=n,g=m,c=1,n=s |
तम् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
देशम् | देश | pos=n,g=m,c=2,n=s |
न | न | pos=i |
संत्यजेत् | संत्यज् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |