महाभारतम् — 12.276.40
Original
Segmented
यत्र आगमय् असत्कारेण पृच्छताम् प्रब्रूयाद् ब्रह्मणो धर्मम् त्यजेत् तम् देशम् आत्मवान्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यत्र | यत्र | pos=i |
आगमय् | आगमय् | pos=va,g=m,c=6,n=p,f=part |
असत्कारेण | असत्कार | pos=n,g=m,c=3,n=s |
पृच्छताम् | प्रच्छ् | pos=va,g=m,c=6,n=p,f=part |
प्रब्रूयाद् | प्रब्रू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
ब्रह्मणो | ब्रह्मन् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
धर्मम् | धर्म | pos=n,g=m,c=2,n=s |
त्यजेत् | त्यज् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
तम् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
देशम् | देश | pos=n,g=m,c=2,n=s |
आत्मवान् | आत्मवत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |