महाभारतम् — 12.275.14
Original
Segmented
समाहितो न स्पृहयेत् परेषाम् न अनागतम् न अभिनन्देत लाभम् न च अपि हृष्येद् विपुले अर्थ-लाभे तथा अर्थ-नाशे च न वै विषीदेत्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
समाहितो | समाहित | pos=a,g=m,c=1,n=s |
न | न | pos=i |
स्पृहयेत् | स्पृहय् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
परेषाम् | पर | pos=n,g=m,c=6,n=p |
न | न | pos=i |
अनागतम् | अनागत | pos=a,g=m,c=2,n=s |
न | न | pos=i |
अभिनन्देत | अभिनन्द् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
लाभम् | लाभ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
न | न | pos=i |
च | च | pos=i |
अपि | अपि | pos=i |
हृष्येद् | हृष् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
विपुले | विपुल | pos=a,g=m,c=7,n=s |
अर्थ | अर्थ | pos=n,comp=y |
लाभे | लाभ | pos=n,g=m,c=7,n=s |
तथा | तथा | pos=i |
अर्थ | अर्थ | pos=n,comp=y |
नाशे | नाश | pos=n,g=m,c=7,n=s |
च | च | pos=i |
न | न | pos=i |
वै | वै | pos=i |
विषीदेत् | विषद् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |