Original

पुरा मेरोर्महाराज शृङ्गं त्रैलोक्यविश्रुतम् ।ज्योतिष्कं नाम सावित्रं सर्वरत्नविभूषितम् ।अप्रमेयमनाधृष्यं सर्वलोकेषु भारत ॥ ५ ॥

Segmented

पुरा मेरोः महा-राज शृङ्गम् त्रैलोक्य-विश्रुतम् ज्योतिष्कम् नाम सावित्रम् सर्व-रत्न-विभूषितम् अप्रमेयम् अनाधृष्यम् सर्व-लोकेषु भारत

Analysis

Word Lemma Parse
पुरा पुरा pos=i
मेरोः मेरु pos=n,g=m,c=6,n=s
महा महत् pos=a,comp=y
राज राज pos=n,g=m,c=8,n=s
शृङ्गम् शृङ्ग pos=n,g=n,c=1,n=s
त्रैलोक्य त्रैलोक्य pos=n,comp=y
विश्रुतम् विश्रु pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part
ज्योतिष्कम् ज्योतिष्क pos=n,g=n,c=1,n=s
नाम नाम pos=i
सावित्रम् सावित्र pos=a,g=n,c=1,n=s
सर्व सर्व pos=n,comp=y
रत्न रत्न pos=n,comp=y
विभूषितम् विभूषय् pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part
अप्रमेयम् अप्रमेय pos=a,g=n,c=1,n=s
अनाधृष्यम् अनाधृष्य pos=a,g=n,c=1,n=s
सर्व सर्व pos=n,comp=y
लोकेषु लोक pos=n,g=m,c=7,n=p
भारत भारत pos=n,g=m,c=8,n=s