महाभारतम् — 12.273.30
Original
Segmented
अग्निः उवाच मम मोक्षस्य को ऽन्तो वै ब्रह्मन् ध्यायस्व वै प्रभो एतद् इच्छामि विज्ञातुम् तत्त्वतो लोक-पूजित
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अग्निः | अग्नि | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
मम | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
मोक्षस्य | मोक्ष | pos=n,g=m,c=6,n=s |
को | क | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ऽन्तो | अन्त | pos=n,g=m,c=1,n=s |
वै | वै | pos=i |
ब्रह्मन् | ब्रह्मन् | pos=n,g=m,c=8,n=s |
ध्यायस्व | ध्या | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
वै | वै | pos=i |
प्रभो | प्रभु | pos=n,g=m,c=8,n=s |
एतद् | एतद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
इच्छामि | इष् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
विज्ञातुम् | विज्ञा | pos=vi |
तत्त्वतो | तत्त्व | pos=n,g=n,c=5,n=s |
लोक | लोक | pos=n,comp=y |
पूजित | पूजय् | pos=va,g=m,c=8,n=s,f=part |