Original

अग्निरुवाच ।मम मोक्षस्य कोऽन्तो वै ब्रह्मन्ध्यायस्व वै प्रभो ।एतदिच्छामि विज्ञातुं तत्त्वतो लोकपूजित ॥ ३० ॥

Segmented

अग्निः उवाच मम मोक्षस्य को ऽन्तो वै ब्रह्मन् ध्यायस्व वै प्रभो एतद् इच्छामि विज्ञातुम् तत्त्वतो लोक-पूजित

Analysis

Word Lemma Parse
अग्निः अग्नि pos=n,g=m,c=1,n=s
उवाच वच् pos=v,p=3,n=s,l=lit
मम मद् pos=n,g=,c=6,n=s
मोक्षस्य मोक्ष pos=n,g=m,c=6,n=s
को pos=n,g=m,c=1,n=s
ऽन्तो अन्त pos=n,g=m,c=1,n=s
वै वै pos=i
ब्रह्मन् ब्रह्मन् pos=n,g=m,c=8,n=s
ध्यायस्व ध्या pos=v,p=2,n=s,l=lot
वै वै pos=i
प्रभो प्रभु pos=n,g=m,c=8,n=s
एतद् एतद् pos=n,g=n,c=2,n=s
इच्छामि इष् pos=v,p=1,n=s,l=lat
विज्ञातुम् विज्ञा pos=vi
तत्त्वतो तत्त्व pos=n,g=n,c=5,n=s
लोक लोक pos=n,comp=y
पूजित पूजय् pos=va,g=m,c=8,n=s,f=part