Original

ब्रह्महत्योवाच ।त्रिलोकपूजिते देवे प्रीते त्रैलोक्यकर्तरि ।कृतमेवेह मन्येऽहं निवासं तु विधत्स्व मे ॥ २३ ॥

Segmented

ब्रह्म-हत्या उवाच त्रिलोक-पूजिते देवे प्रीते त्रैलोक्य-कर्तृ कृतम् एव इह मन्ये ऽहम् निवासम् तु विधत्स्व मे

Analysis

Word Lemma Parse
ब्रह्म ब्रह्मन् pos=n,comp=y
हत्या हत्या pos=n,g=f,c=1,n=s
उवाच वच् pos=v,p=3,n=s,l=lit
त्रिलोक त्रिलोक pos=n,comp=y
पूजिते पूजय् pos=va,g=m,c=7,n=s,f=part
देवे देव pos=n,g=m,c=7,n=s
प्रीते प्री pos=va,g=m,c=7,n=s,f=part
त्रैलोक्य त्रैलोक्य pos=n,comp=y
कर्तृ कर्तृ pos=a,g=m,c=7,n=s
कृतम् कृ pos=va,g=n,c=2,n=s,f=part
एव एव pos=i
इह इह pos=i
मन्ये मन् pos=v,p=1,n=s,l=lat
ऽहम् मद् pos=n,g=,c=1,n=s
निवासम् निवास pos=n,g=m,c=2,n=s
तु तु pos=i
विधत्स्व विधा pos=v,p=2,n=s,l=lot
मे मद् pos=n,g=,c=6,n=s