Original

गतिं च यां दर्शनमाह देवो गत्वा शुभं दर्शनमेव चाह ।गतिः पुनर्वर्णकृता प्रजानां वर्णस्तथा कालकृतोऽसुरेन्द्र ॥ ३५ ॥

Segmented

गतिम् च याम् दर्शनम् आह देवो गत्वा शुभम् दर्शनम् एव च आह गतिः पुनः वर्ण-कृता प्रजानाम् वर्णः तथा काल-कृतः असुर-इन्द्र

Analysis

Word Lemma Parse
गतिम् गति pos=n,g=f,c=2,n=s
pos=i
याम् यद् pos=n,g=f,c=2,n=s
दर्शनम् दर्शन pos=n,g=n,c=2,n=s
आह अह् pos=v,p=3,n=s,l=lit
देवो देव pos=n,g=m,c=1,n=s
गत्वा गम् pos=vi
शुभम् शुभ pos=a,g=n,c=2,n=s
दर्शनम् दर्शन pos=n,g=n,c=2,n=s
एव एव pos=i
pos=i
आह अह् pos=v,p=3,n=s,l=lit
गतिः गति pos=n,g=f,c=1,n=s
पुनः पुनर् pos=i
वर्ण वर्ण pos=n,comp=y
कृता कृ pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part
प्रजानाम् प्रजा pos=n,g=f,c=6,n=p
वर्णः वर्ण pos=n,g=m,c=1,n=s
तथा तथा pos=i
काल काल pos=n,comp=y
कृतः कृ pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
असुर असुर pos=n,comp=y
इन्द्र इन्द्र pos=n,g=m,c=8,n=s