महाभारतम् — 12.271.11
Original
Segmented
यथा हिरण्यकर्ता वै रूप्यम् अग्नौ विशोधयेत् बहुशो अति प्रयत्नेन महता आत्म-कृतेन ह
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यथा | यथा | pos=i |
हिरण्यकर्ता | हिरण्यकर्तृ | pos=n,g=m,c=1,n=s |
वै | वै | pos=i |
रूप्यम् | रूप्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
अग्नौ | अग्नि | pos=n,g=m,c=7,n=s |
विशोधयेत् | विशोधय् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
बहुशो | बहुशस् | pos=i |
अति | अति | pos=i |
प्रयत्नेन | प्रयत्न | pos=n,g=m,c=3,n=s |
महता | महत् | pos=a,g=m,c=3,n=s |
आत्म | आत्मन् | pos=n,comp=y |
कृतेन | कृ | pos=va,g=m,c=3,n=s,f=part |
ह | ह | pos=i |