महाभारतम् — 12.270.12
Original
Segmented
अयत्न-साधय् मुनयो वदन्ति ये च अपि मुक्तवन्तः ते उपासितव्याः त्वया च लोकेन च स अमरेन तस्मात् न शाम्यन्ति महा-ऋषि-संघाः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अयत्न | अयत्न | pos=n,comp=y |
साधय् | साधय् | pos=va,g=n,c=2,n=s,f=krtya |
मुनयो | मुनि | pos=n,g=m,c=1,n=p |
वदन्ति | वद् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
ये | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
च | च | pos=i |
अपि | अपि | pos=i |
मुक्तवन्तः | मुच् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
ते | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
उपासितव्याः | उपास् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=krtya |
त्वया | त्वद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
च | च | pos=i |
लोकेन | लोक | pos=n,g=m,c=3,n=s |
च | च | pos=i |
स | स | pos=i |
अमरेन | अमर | pos=n,g=m,c=3,n=s |
तस्मात् | तस्मात् | pos=i |
न | न | pos=i |
शाम्यन्ति | शम् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
महा | महत् | pos=a,comp=y |
ऋषि | ऋषि | pos=n,comp=y |
संघाः | संघ | pos=n,g=m,c=1,n=p |