महाभारतम् — 12.27.17
Original
Segmented
सत्य-कञ्चुकम् आस्थाय मया उक्तवान् गुरुः आहवे अश्वत्थामा हत इति कुञ्जरे विनिपातिते कान् नु लोकान् गमिष्यामि कृत्वा तत् कर्म दारुणम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
सत्य | सत्य | pos=n,comp=y |
कञ्चुकम् | कञ्चुक | pos=n,g=m,c=2,n=s |
आस्थाय | आस्था | pos=vi |
मया | मद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
उक्तवान् | वच् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
गुरुः | गुरु | pos=n,g=m,c=1,n=s |
आहवे | आहव | pos=n,g=m,c=7,n=s |
अश्वत्थामा | अश्वत्थामन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
हत | हन् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
इति | इति | pos=i |
कुञ्जरे | कुञ्जर | pos=n,g=m,c=7,n=s |
विनिपातिते | विनिपातय् | pos=va,g=m,c=7,n=s,f=part |
कान् | क | pos=n,g=m,c=2,n=p |
नु | नु | pos=i |
लोकान् | लोक | pos=n,g=m,c=2,n=p |
गमिष्यामि | गम् | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
कृत्वा | कृ | pos=vi |
तत् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
कर्म | कर्मन् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
दारुणम् | दारुण | pos=a,g=n,c=2,n=s |