महाभारतम् — 12.268.7
Original
Segmented
यथा एव शृङ्गम् गोः काले वर्धमानस्य वर्धते तथा एव तृष्णा वित्तेन वर्धमानेन वर्धते
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यथा | यथा | pos=i |
एव | एव | pos=i |
शृङ्गम् | शृङ्ग | pos=n,g=n,c=1,n=s |
गोः | गो | pos=n,g=,c=6,n=s |
काले | काल | pos=n,g=m,c=7,n=s |
वर्धमानस्य | वृध् | pos=va,g=m,c=6,n=s,f=part |
वर्धते | वृध् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
तथा | तथा | pos=i |
एव | एव | pos=i |
तृष्णा | तृष्णा | pos=n,g=f,c=1,n=s |
वित्तेन | वित्त | pos=n,g=n,c=3,n=s |
वर्धमानेन | वृध् | pos=va,g=n,c=3,n=s,f=part |
वर्धते | वृध् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |