Original

सुसुखं बत जीवामि यस्य मे नास्ति किंचन ।मिथिलायां प्रदीप्तायां न मे दह्यति किंचन ॥ ४ ॥

Segmented

सु सुखम् बत जीवामि यस्य मे न अस्ति किंचन मिथिलायाम् प्रदीप्तायाम् न मे दह्यति किंचन

Analysis

Word Lemma Parse
सु सु pos=i
सुखम् सुखम् pos=i
बत बत pos=i
जीवामि जीव् pos=v,p=1,n=s,l=lat
यस्य यद् pos=n,g=m,c=6,n=s
मे मद् pos=n,g=,c=6,n=s
pos=i
अस्ति अस् pos=v,p=3,n=s,l=lat
किंचन कश्चन pos=n,g=n,c=1,n=s
मिथिलायाम् मिथिला pos=n,g=f,c=7,n=s
प्रदीप्तायाम् प्रदीप् pos=va,g=f,c=7,n=s,f=part
pos=i
मे मद् pos=n,g=,c=6,n=s
दह्यति दह् pos=v,p=3,n=s,l=lat
किंचन कश्चन pos=n,g=n,c=1,n=s