Original

पुण्यपापमयं देहं क्षपयन्कर्मसंचयात् ।क्षीणदेहः पुनर्देही ब्रह्मत्वमुपगच्छति ॥ ३७ ॥

Segmented

पुण्य-पाप-मयम् देहम् क्षपयन् कर्म-संचयात् क्षीण-देहः पुनः देही ब्रह्म-त्वम् उपगच्छति

Analysis

Word Lemma Parse
पुण्य पुण्य pos=n,comp=y
पाप पाप pos=n,comp=y
मयम् मय pos=a,g=m,c=2,n=s
देहम् देह pos=n,g=m,c=2,n=s
क्षपयन् क्षपय् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
कर्म कर्मन् pos=n,comp=y
संचयात् संचय pos=n,g=m,c=5,n=s
क्षीण क्षि pos=va,comp=y,f=part
देहः देह pos=n,g=m,c=1,n=s
पुनः पुनर् pos=i
देही देहिन् pos=n,g=m,c=1,n=s
ब्रह्म ब्रह्मन् pos=n,comp=y
त्वम् त्व pos=n,g=n,c=2,n=s
उपगच्छति उपगम् pos=v,p=3,n=s,l=lat