महाभारतम् — 12.266.9
Original
Segmented
अनुक्रोशाद् अधर्मम् च जयेद् धर्मम् उपेक्षया आयत्या च जयेद् आशाम् अर्थम् सङ्ग-विवर्जनात्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अनुक्रोशाद् | अनुक्रोश | pos=n,g=m,c=5,n=s |
अधर्मम् | अधर्म | pos=n,g=m,c=2,n=s |
च | च | pos=i |
जयेद् | जि | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
धर्मम् | धर्म | pos=n,g=m,c=2,n=s |
उपेक्षया | उपेक्षा | pos=n,g=f,c=3,n=s |
आयत्या | आयति | pos=n,g=f,c=3,n=s |
च | च | pos=i |
जयेद् | जि | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
आशाम् | आशा | pos=n,g=f,c=2,n=s |
अर्थम् | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
सङ्ग | सङ्ग | pos=n,comp=y |
विवर्जनात् | विवर्जन | pos=n,g=n,c=5,n=s |