महाभारतम् — 12.264.8
Original
Segmented
शुक्रस्य पुनः आजातिः अपध्यानाद् अधर्म-विद् तस्मिन् वने समीप-स्थः मृगो ऽभूत् सहचारिकः वचोभिः अब्रवीत् सत्यम् त्वया दुष्कृतकम् कृतम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
शुक्रस्य | शुक्र | pos=n,g=m,c=6,n=s |
पुनः | पुनर् | pos=i |
आजातिः | आजाति | pos=n,g=f,c=1,n=s |
अपध्यानाद् | अपध्यान | pos=n,g=n,c=5,n=s |
अधर्म | अधर्म | pos=n,comp=y |
विद् | विद् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
तस्मिन् | तद् | pos=n,g=n,c=7,n=s |
वने | वन | pos=n,g=n,c=7,n=s |
समीप | समीप | pos=n,comp=y |
स्थः | स्थ | pos=a,g=m,c=1,n=s |
मृगो | मृग | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ऽभूत् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lun |
सहचारिकः | सहचारिक | pos=a,g=m,c=1,n=s |
वचोभिः | वचस् | pos=n,g=n,c=3,n=p |
अब्रवीत् | ब्रू | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
सत्यम् | सत्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
त्वया | त्वद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
दुष्कृतकम् | दुष्कृतक | pos=n,g=n,c=1,n=s |
कृतम् | कृ | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |