महाभारतम् — 12.262.15
Original
Segmented
अपेत-काम-क्रोधानाम् प्रकृत्या संशित-आत्मनाम् ऋजूनाम् शम-नित्यानाम् स्थितानाम् स्वेषु कर्मसु सर्वम् आनन्त्यम् एव आसीत् इति नः शाश्वती श्रुतिः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अपेत | अपे | pos=va,comp=y,f=part |
काम | काम | pos=n,comp=y |
क्रोधानाम् | क्रोध | pos=n,g=m,c=6,n=p |
प्रकृत्या | प्रकृति | pos=n,g=f,c=3,n=s |
संशित | संशित | pos=a,comp=y |
आत्मनाम् | आत्मन् | pos=n,g=m,c=6,n=p |
ऋजूनाम् | ऋजु | pos=a,g=m,c=6,n=p |
शम | शम | pos=n,comp=y |
नित्यानाम् | नित्य | pos=a,g=m,c=6,n=p |
स्थितानाम् | स्था | pos=va,g=m,c=6,n=p,f=part |
स्वेषु | स्व | pos=a,g=n,c=7,n=p |
कर्मसु | कर्मन् | pos=n,g=n,c=7,n=p |
सर्वम् | सर्व | pos=n,g=n,c=1,n=s |
आनन्त्यम् | आनन्त्य | pos=n,g=n,c=1,n=s |
एव | एव | pos=i |
आसीत् | अस् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
इति | इति | pos=i |
नः | मद् | pos=n,g=,c=6,n=p |
शाश्वती | शाश्वत | pos=a,g=f,c=1,n=s |
श्रुतिः | श्रुति | pos=n,g=f,c=1,n=s |