महाभारतम् — 12.261.45
Original
Segmented
कपिल उवाच यद् यद् आचरते शास्त्रम् अथ सर्व-प्रवृत्तीषु यस्य यत्र हि अनुष्ठानम् तत्र तत्र निरामयम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
कपिल | कपिल | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
यद् | यद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
यद् | यद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
आचरते | आचर् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
शास्त्रम् | शास्त्र | pos=n,g=n,c=2,n=s |
अथ | अथ | pos=i |
सर्व | सर्व | pos=n,comp=y |
प्रवृत्तीषु | प्रवृत्ति | pos=n,g=f,c=7,n=p |
यस्य | यद् | pos=n,g=n,c=6,n=s |
यत्र | यत्र | pos=i |
हि | हि | pos=i |
अनुष्ठानम् | अनुष्ठान | pos=n,g=n,c=1,n=s |
तत्र | तत्र | pos=i |
तत्र | तत्र | pos=i |
निरामयम् | निरामय | pos=a,g=n,c=1,n=s |