महाभारतम् — 12.260.4
Original
Segmented
अत्र ते वर्तयिष्यामि प्रामाण्यम् उभयोः तयोः शृणुष्व एकमनाः पार्थ छिन्न-धर्म-अर्थ-संशयम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अत्र | अत्र | pos=i |
ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
वर्तयिष्यामि | वर्तय् | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
प्रामाण्यम् | प्रामाण्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
उभयोः | उभय | pos=a,g=m,c=6,n=d |
तयोः | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=d |
शृणुष्व | श्रु | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
एकमनाः | एकमनस् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
पार्थ | पार्थ | pos=n,g=m,c=8,n=s |
छिन्न | छिद् | pos=va,comp=y,f=part |
धर्म | धर्म | pos=n,comp=y |
अर्थ | अर्थ | pos=n,comp=y |
संशयम् | संशय | pos=n,g=m,c=2,n=s |