महाभारतम् — 12.260.26
Original
Segmented
ऋचो यजूंषि सामानि यजमानः च षोडशः अग्निः ज्ञेयो गृहपतिः स सप्तदश उच्यते अङ्गानि एतानि यज्ञस्य यज्ञो मूलम् इति श्रुतिः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
ऋचो | ऋच् | pos=n,g=f,c=1,n=p |
यजूंषि | यजुस् | pos=n,g=n,c=1,n=p |
सामानि | सामन् | pos=n,g=n,c=1,n=p |
यजमानः | यजमान | pos=n,g=m,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
षोडशः | षोडश | pos=a,g=m,c=1,n=s |
अग्निः | अग्नि | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ज्ञेयो | ज्ञा | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=krtya |
गृहपतिः | गृहपति | pos=n,g=m,c=1,n=s |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
सप्तदश | सप्तदश | pos=a,g=m,c=1,n=s |
उच्यते | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
अङ्गानि | अङ्ग | pos=n,g=n,c=1,n=p |
एतानि | एतद् | pos=n,g=n,c=1,n=p |
यज्ञस्य | यज्ञ | pos=n,g=m,c=6,n=s |
यज्ञो | यज्ञ | pos=n,g=m,c=1,n=s |
मूलम् | मूल | pos=n,g=n,c=1,n=s |
इति | इति | pos=i |
श्रुतिः | श्रुति | pos=n,g=f,c=1,n=s |