Original

निराशिषमनारम्भं निर्नमस्कारमस्तुतिम् ।अक्षीणं क्षीणकर्माणं तं देवा ब्राह्मणं विदुः ॥ ३३ ॥

Segmented

अनारम्भम् निर्नमस्कारम् अस्तुतिम् अक्षीणम् क्षीण-कर्माणम् तम् देवा ब्राह्मणम् विदुः

Analysis

Word Lemma Parse
अनारम्भम् अनारम्भ pos=a,g=m,c=2,n=s
निर्नमस्कारम् निर्नमस्कार pos=a,g=m,c=2,n=s
अस्तुतिम् अस्तुति pos=a,g=m,c=2,n=s
अक्षीणम् अक्षीण pos=a,g=m,c=2,n=s
क्षीण क्षि pos=va,comp=y,f=part
कर्माणम् कर्मन् pos=n,g=m,c=2,n=s
तम् तद् pos=n,g=m,c=2,n=s
देवा देव pos=n,g=m,c=1,n=p
ब्राह्मणम् ब्राह्मण pos=n,g=m,c=2,n=s
विदुः विद् pos=v,p=3,n=p,l=lit