Original

धर्मो न्वयमिहार्थः किममुत्रार्थोऽपि वा भवेत् ।उभयार्थोऽपि वा धर्मस्तन्मे ब्रूहि पितामह ॥ २ ॥

Segmented

धर्मो नु अयम् इह अर्थः किम् अमुत्र अर्थः ऽपि वा भवेत् उभय-अर्थः ऽपि वा धर्मः तत् मे ब्रूहि पितामह

Analysis

Word Lemma Parse
धर्मो धर्म pos=n,g=m,c=1,n=s
नु नु pos=i
अयम् इदम् pos=n,g=m,c=1,n=s
इह इह pos=i
अर्थः अर्थ pos=n,g=m,c=1,n=s
किम् किम् pos=i
अमुत्र अमुत्र pos=i
अर्थः अर्थ pos=n,g=m,c=1,n=s
ऽपि अपि pos=i
वा वा pos=i
भवेत् भू pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin
उभय उभय pos=a,comp=y
अर्थः अर्थ pos=n,g=m,c=1,n=s
ऽपि अपि pos=i
वा वा pos=i
धर्मः धर्म pos=n,g=m,c=1,n=s
तत् तद् pos=n,g=n,c=2,n=s
मे मद् pos=n,g=,c=6,n=s
ब्रूहि ब्रू pos=v,p=2,n=s,l=lot
पितामह पितामह pos=n,g=m,c=8,n=s