Original

व्यास उवाच ।छन्द्यमानोऽपि ब्रह्मर्षिः पार्थिवेन महात्मना ।नान्यं वै वरयामास तस्माद्दण्डादृते वरम् ॥ १८ ॥

Segmented

व्यास उवाच छन्द्यमानो ऽपि ब्रह्मर्षिः पार्थिवेन महात्मना न अन्यम् वै वरयामास तस्माद् दण्डाद् ऋते वरम्

Analysis

Word Lemma Parse
व्यास व्यास pos=n,g=m,c=1,n=s
उवाच वच् pos=v,p=3,n=s,l=lit
छन्द्यमानो छन्द् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
ऽपि अपि pos=i
ब्रह्मर्षिः ब्रह्मर्षि pos=n,g=m,c=1,n=s
पार्थिवेन पार्थिव pos=n,g=m,c=3,n=s
महात्मना महात्मन् pos=a,g=m,c=3,n=s
pos=i
अन्यम् अन्य pos=n,g=m,c=2,n=s
वै वै pos=i
वरयामास वरय् pos=v,p=3,n=s,l=lit
तस्माद् तद् pos=n,g=m,c=5,n=s
दण्डाद् दण्ड pos=n,g=m,c=5,n=s
ऋते ऋत pos=n,g=n,c=7,n=s
वरम् वर pos=n,g=m,c=2,n=s