महाभारतम् — 12.237.35
Original
Segmented
अगर्हणीयो न च गर्हते ऽन्यान् स वै विप्रः परमात्मानम् ईक्षेत् विनीत-मोहः व्यपनी-कल्मषः न च इह न अमुत्र च यो ऽर्थम् ऋच्छति
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अगर्हणीयो | अगर्हणीय | pos=a,g=m,c=1,n=s |
न | न | pos=i |
च | च | pos=i |
गर्हते | गर्ह् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
ऽन्यान् | अन्य | pos=n,g=m,c=2,n=p |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
वै | वै | pos=i |
विप्रः | विप्र | pos=n,g=m,c=1,n=s |
परमात्मानम् | परमात्मन् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
ईक्षेत् | ईक्ष् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
विनीत | विनी | pos=va,comp=y,f=part |
मोहः | मोह | pos=n,g=m,c=1,n=s |
व्यपनी | व्यपनी | pos=va,comp=y,f=part |
कल्मषः | कल्मष | pos=n,g=m,c=1,n=s |
न | न | pos=i |
च | च | pos=i |
इह | इह | pos=i |
न | न | pos=i |
अमुत्र | अमुत्र | pos=i |
च | च | pos=i |
यो | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ऽर्थम् | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
ऋच्छति | ऋछ् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |