महाभारतम् — 12.237.29
Original
Segmented
दैवम् त्रि-धातुम् त्रिवृतम् सुपर्णम् ये विद्युः अग्र्यम् परम-अर्थ-ताम् च ते सर्व-लोकेषु महीयमाना देवाः समर्थाः सु कृतम् व्रजन्ति
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
दैवम् | दैव | pos=a,g=m,c=2,n=s |
त्रि | त्रि | pos=n,comp=y |
धातुम् | धातु | pos=n,g=m,c=2,n=s |
त्रिवृतम् | त्रिवृत् | pos=a,g=m,c=2,n=s |
सुपर्णम् | सुपर्ण | pos=n,g=m,c=2,n=s |
ये | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
विद्युः | विद् | pos=v,p=3,n=p,l=vidhilin |
अग्र्यम् | अग्र्य | pos=a,g=m,c=2,n=s |
परम | परम | pos=a,comp=y |
अर्थ | अर्थ | pos=n,comp=y |
ताम् | ता | pos=n,g=f,c=2,n=s |
च | च | pos=i |
ते | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
सर्व | सर्व | pos=n,comp=y |
लोकेषु | लोक | pos=n,g=m,c=7,n=p |
महीयमाना | महीय् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
देवाः | देव | pos=n,g=m,c=1,n=p |
समर्थाः | समर्थ | pos=a,g=m,c=1,n=p |
सु | सु | pos=i |
कृतम् | कृ | pos=va,g=n,c=2,n=s,f=part |
व्रजन्ति | व्रज् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |