महाभारतम् — 12.237.19
Original
Segmented
एवम् सर्वम् अहिंसायाम् धर्म-अर्थम् अपिधीयते अमृतः स नित्यम् वसति यो ऽहिंसाम् प्रतिपद्यते
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
एवम् | एवम् | pos=i |
सर्वम् | सर्व | pos=n,g=n,c=1,n=s |
अहिंसायाम् | अहिंसा | pos=n,g=f,c=7,n=s |
धर्म | धर्म | pos=n,comp=y |
अर्थम् | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
अपिधीयते | अपिधा | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
अमृतः | अमृत | pos=a,g=m,c=1,n=s |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
नित्यम् | नित्यम् | pos=i |
वसति | वस् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
यो | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ऽहिंसाम् | अहिंसा | pos=n,g=f,c=2,n=s |
प्रतिपद्यते | प्रतिपद् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |