महाभारतम् — 12.237.11
Original
Segmented
येन पूर्णम् इव आकाशम् भवति एकेन सर्वदा शून्यम् येन जन-आकीर्णम् तम् देवा ब्राह्मणम् विदुः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
येन | यद् | pos=n,g=m,c=3,n=s |
पूर्णम् | पृ | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
इव | इव | pos=i |
आकाशम् | आकाश | pos=n,g=n,c=1,n=s |
भवति | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
एकेन | एक | pos=n,g=m,c=3,n=s |
सर्वदा | सर्वदा | pos=i |
शून्यम् | शून्य | pos=a,g=n,c=1,n=s |
येन | यद् | pos=n,g=m,c=3,n=s |
जन | जन | pos=n,comp=y |
आकीर्णम् | आकृ | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
तम् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
देवा | देव | pos=n,g=m,c=1,n=p |
ब्राह्मणम् | ब्राह्मण | pos=n,g=m,c=2,n=s |
विदुः | विद् | pos=v,p=3,n=p,l=lit |