महाभारतम् — 12.236.25
Original
Segmented
त्रीन् च एव अग्नीन् यजेत् सम्यग् आत्मनि एव आत्म-मोक्षणात् प्राणेभ्यो यजुषा पञ्च षट् प्राश्नीयाद् अकुत्सयन्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
त्रीन् | त्रि | pos=n,g=m,c=2,n=p |
च | च | pos=i |
एव | एव | pos=i |
अग्नीन् | अग्नि | pos=n,g=m,c=2,n=p |
यजेत् | यज् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
सम्यग् | सम्यक् | pos=i |
आत्मनि | आत्मन् | pos=n,g=m,c=7,n=s |
एव | एव | pos=i |
आत्म | आत्मन् | pos=n,comp=y |
मोक्षणात् | मोक्षण | pos=n,g=n,c=5,n=s |
प्राणेभ्यो | प्राण | pos=n,g=m,c=5,n=p |
यजुषा | यजुस् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
पञ्च | पञ्चन् | pos=n,g=n,c=2,n=p |
षट् | षष् | pos=n,g=n,c=2,n=p |
प्राश्नीयाद् | प्राश् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
अकुत्सयन् | अकुत्सयत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |