महाभारतम् — 12.234.1
Original
Segmented
शुक उवाच क्षरात् प्रभृति यः सर्गः स गुणानि इन्द्रियाणि च बुद्धि-ऐश्वर्य-अभिसर्ग-अर्थम् यद् ध्यानम् च आत्मनः शुभम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
शुक | शुक | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
क्षरात् | क्षर | pos=a,g=n,c=5,n=s |
प्रभृति | प्रभृति | pos=i |
यः | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
सर्गः | सर्ग | pos=n,g=m,c=1,n=s |
स | स | pos=i |
गुणानि | गुण | pos=n,g=n,c=1,n=p |
इन्द्रियाणि | इन्द्रिय | pos=n,g=n,c=1,n=p |
च | च | pos=i |
बुद्धि | बुद्धि | pos=n,comp=y |
ऐश्वर्य | ऐश्वर्य | pos=n,comp=y |
अभिसर्ग | अभिसर्ग | pos=n,comp=y |
अर्थम् | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
यद् | यद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
ध्यानम् | ध्यान | pos=n,g=n,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
आत्मनः | आत्मन् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
शुभम् | शुभ | pos=a,g=n,c=1,n=s |