Original

यतो निःसरते लोको भवति व्यक्तसंज्ञकः ।तत्राव्यक्तमयीं व्याख्यां शृणु त्वं विस्तरेण मे ।तथा व्यक्तमयीं चैव संख्यां पूर्वं निबोध मे ॥ २७ ॥

Segmented

यतो निःसरते लोको भवति व्यक्त-संज्ञकः तत्र अव्यक्त-मयीम् व्याख्याम् शृणु त्वम् विस्तरेण मे तथा व्यक्त-मयीम् च एव संख्याम् पूर्वम् निबोध मे

Analysis

Word Lemma Parse
यतो यतस् pos=i
निःसरते निःसृ pos=v,p=3,n=s,l=lat
लोको लोक pos=n,g=m,c=1,n=s
भवति भू pos=v,p=3,n=s,l=lat
व्यक्त व्यक्त pos=a,comp=y
संज्ञकः संज्ञक pos=a,g=m,c=1,n=s
तत्र तत्र pos=i
अव्यक्त अव्यक्त pos=n,comp=y
मयीम् मय pos=a,g=f,c=2,n=s
व्याख्याम् व्याख्या pos=n,g=f,c=2,n=s
शृणु श्रु pos=v,p=2,n=s,l=lot
त्वम् त्वद् pos=n,g=,c=1,n=s
विस्तरेण विस्तर pos=n,g=m,c=3,n=s
मे मद् pos=n,g=,c=6,n=s
तथा तथा pos=i
व्यक्त व्यक्त pos=a,comp=y
मयीम् मय pos=a,g=f,c=2,n=s
pos=i
एव एव pos=i
संख्याम् संख्या pos=n,g=f,c=2,n=s
पूर्वम् पूर्वम् pos=i
निबोध निबुध् pos=v,p=2,n=s,l=lot
मे मद् pos=n,g=,c=6,n=s