महाभारतम् — 12.223.18
Original
Segmented
लोकस्य विविधम् वृत्तम् प्रकृतेः च अपि अकुत्सयत् संसर्ग-विद्या-कुशलः तस्मात् सर्वत्र पूजितः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
लोकस्य | लोक | pos=n,g=m,c=6,n=s |
विविधम् | विविध | pos=a,g=n,c=2,n=s |
वृत्तम् | वृत्त | pos=n,g=n,c=2,n=s |
प्रकृतेः | प्रकृति | pos=n,g=f,c=6,n=s |
च | च | pos=i |
अपि | अपि | pos=i |
अकुत्सयत् | अकुत्सयत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
संसर्ग | संसर्ग | pos=n,comp=y |
विद्या | विद्या | pos=n,comp=y |
कुशलः | कुशल | pos=a,g=m,c=1,n=s |
तस्मात् | तस्मात् | pos=i |
सर्वत्र | सर्वत्र | pos=i |
पूजितः | पूजय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |