महाभारतम् — 12.223.17
Original
Segmented
समाधिः न अस्य मान-अर्थे न आत्मानम् स्तौति कर्हिचित् अनीर्ष्युः दृढ-संभाषः तस्मात् सर्वत्र पूजितः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
समाधिः | समाधि | pos=n,g=m,c=1,n=s |
न | न | pos=i |
अस्य | इदम् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
मान | मान | pos=n,comp=y |
अर्थे | अर्थ | pos=n,g=m,c=7,n=s |
न | न | pos=i |
आत्मानम् | आत्मन् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
स्तौति | स्तु | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
कर्हिचित् | कर्हिचित् | pos=i |
अनीर्ष्युः | अनीर्ष्यु | pos=a,g=m,c=1,n=s |
दृढ | दृढ | pos=a,comp=y |
संभाषः | सम्भाषा | pos=n,g=m,c=1,n=s |
तस्मात् | तस्मात् | pos=i |
सर्वत्र | सर्वत्र | pos=i |
पूजितः | पूजय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |