Original

जितकाशिनि शूरे च संग्रामेष्वनिवर्तिनि ।निवसामि मनुष्येन्द्रे सदैव बलसूदन ॥ २४ ॥

Segmented

जित-काशिनि शूरे च संग्रामेषु अनिवर्तिनि निवसामि मनुष्य-इन्द्रे सदा एव बलसूदन

Analysis

Word Lemma Parse
जित जि pos=va,comp=y,f=part
काशिनि काशिन् pos=a,g=m,c=7,n=s
शूरे शूर pos=n,g=m,c=7,n=s
pos=i
संग्रामेषु संग्राम pos=n,g=m,c=7,n=p
अनिवर्तिनि अनिवर्तिन् pos=a,g=m,c=7,n=s
निवसामि निवस् pos=v,p=1,n=s,l=lat
मनुष्य मनुष्य pos=n,comp=y
इन्द्रे इन्द्र pos=n,g=m,c=7,n=s
सदा सदा pos=i
एव एव pos=i
बलसूदन बलसूदन pos=n,g=m,c=8,n=s