महाभारतम् — 12.221.19
Original
Segmented
श्रीः उवाच पुण्येषु त्रिषु लोकेषु सर्वे स्थावर-जङ्गमाः मे आत्म-भावम् इच्छन्तो यतन्ते परम-आत्मना
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
श्रीः | श्री | pos=n,g=f,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
पुण्येषु | पुण्य | pos=a,g=m,c=7,n=p |
त्रिषु | त्रि | pos=n,g=m,c=7,n=p |
लोकेषु | लोक | pos=n,g=m,c=7,n=p |
सर्वे | सर्व | pos=n,g=m,c=1,n=p |
स्थावर | स्थावर | pos=a,comp=y |
जङ्गमाः | जङ्गम | pos=a,g=m,c=1,n=p |
मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
आत्म | आत्मन् | pos=n,comp=y |
भावम् | भाव | pos=n,g=m,c=2,n=s |
इच्छन्तो | इष् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
यतन्ते | यत् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
परम | परम | pos=a,comp=y |
आत्मना | आत्मन् | pos=n,g=m,c=3,n=s |