महाभारतम् — 12.220.2
Original
Segmented
त्वम् हि नः परमो वक्ता लोके ऽस्मिन् भरत-ऋषभ एतद् भवन्तम् पृच्छामि तत् मे वक्तुम् इह अर्हसि
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
हि | हि | pos=i |
नः | मद् | pos=n,g=,c=6,n=p |
परमो | परम | pos=a,g=m,c=1,n=s |
वक्ता | वक्तृ | pos=a,g=m,c=1,n=s |
लोके | लोक | pos=n,g=m,c=7,n=s |
ऽस्मिन् | इदम् | pos=n,g=m,c=7,n=s |
भरत | भरत | pos=n,comp=y |
ऋषभ | ऋषभ | pos=n,g=m,c=8,n=s |
एतद् | एतद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
भवन्तम् | भवत् | pos=a,g=m,c=2,n=s |
पृच्छामि | प्रच्छ् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
तत् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
मे | मद् | pos=n,g=,c=4,n=s |
वक्तुम् | वच् | pos=vi |
इह | इह | pos=i |
अर्हसि | अर्ह् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |