Original

भ्रष्टश्रीर्विभवभ्रष्टो यन्न शोचसि दुष्करम् ।त्रैलोक्यराज्यनाशे हि कोऽन्यो जीवितुमुत्सहेत् ॥ १९ ॥

Segmented

भ्रष्ट-श्रीः विभव-भ्रष्टः यत् न शोचसि दुष्करम् त्रैलोक्य-राज्य-नाशे हि को ऽन्यो जीवितुम् उत्सहेत्

Analysis

Word Lemma Parse
भ्रष्ट भ्रंश् pos=va,comp=y,f=part
श्रीः श्री pos=n,g=m,c=1,n=s
विभव विभव pos=n,comp=y
भ्रष्टः भ्रंश् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
यत् यत् pos=i
pos=i
शोचसि शुच् pos=v,p=2,n=s,l=lat
दुष्करम् दुष्कर pos=a,g=n,c=1,n=s
त्रैलोक्य त्रैलोक्य pos=n,comp=y
राज्य राज्य pos=n,comp=y
नाशे नाश pos=n,g=m,c=7,n=s
हि हि pos=i
को pos=n,g=m,c=1,n=s
ऽन्यो अन्य pos=n,g=m,c=1,n=s
जीवितुम् जीव् pos=vi
उत्सहेत् उत्सह् pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin