Original

श्रैष्ठ्यं प्राप्य स्वजातीनां भुक्त्वा भोगाननुत्तमान् ।हृतस्वबलराज्यस्त्वं ब्रूहि कस्मान्न शोचसि ॥ १६ ॥

Segmented

श्रैष्ठ्यम् प्राप्य स्व-जातीनाम् भुक्त्वा भोगान् अनुत्तमान् हृत-स्व-बल-राज्यः त्वम् ब्रूहि कस्मात् न शोचसि

Analysis

Word Lemma Parse
श्रैष्ठ्यम् श्रैष्ठ्य pos=n,g=n,c=2,n=s
प्राप्य प्राप् pos=vi
स्व स्व pos=a,comp=y
जातीनाम् जाति pos=n,g=f,c=6,n=p
भुक्त्वा भुज् pos=vi
भोगान् भोग pos=n,g=m,c=2,n=p
अनुत्तमान् अनुत्तम pos=a,g=m,c=2,n=p
हृत हृ pos=va,comp=y,f=part
स्व स्व pos=a,comp=y
बल बल pos=n,comp=y
राज्यः राज्य pos=n,g=m,c=1,n=s
त्वम् त्वद् pos=n,g=,c=1,n=s
ब्रूहि ब्रू pos=v,p=2,n=s,l=lot
कस्मात् कस्मात् pos=i
pos=i
शोचसि शुच् pos=v,p=2,n=s,l=lat