Original

दैत्य न व्यथसे शौर्यादथ वा वृद्धसेवया ।तपसा भावितत्वाद्वा सर्वथैतत्सुदुष्करम् ॥ १४ ॥

Segmented

दैत्य न व्यथसे शौर्याद् अथवा वृद्ध-सेवया तपसा भावित-त्वात् वा सर्वथा एतत् सु दुष्करम्

Analysis

Word Lemma Parse
दैत्य दैत्य pos=n,g=m,c=8,n=s
pos=i
व्यथसे व्यथ् pos=v,p=2,n=s,l=lat
शौर्याद् शौर्य pos=n,g=n,c=5,n=s
अथवा अथवा pos=i
वृद्ध वृद्ध pos=a,comp=y
सेवया सेवा pos=n,g=f,c=3,n=s
तपसा तपस् pos=n,g=n,c=3,n=s
भावित भावय् pos=va,comp=y,f=part
त्वात् त्व pos=n,g=n,c=5,n=s
वा वा pos=i
सर्वथा सर्वथा pos=i
एतत् एतद् pos=n,g=n,c=1,n=s
सु सु pos=i
दुष्करम् दुष्कर pos=a,g=n,c=1,n=s