महाभारतम् — 12.220.1
Original
Segmented
युधिष्ठिर उवाच मग्नस्य व्यसने कृच्छ्रे किम् श्रेयः पुरुषस्य हि बन्धु-नाशे महीपाल राज्य-नाशे ऽपि वा पुनः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
युधिष्ठिर | युधिष्ठिर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
मग्नस्य | मज्ज् | pos=va,g=m,c=6,n=s,f=part |
व्यसने | व्यसन | pos=n,g=n,c=7,n=s |
कृच्छ्रे | कृच्छ्र | pos=n,g=n,c=7,n=s |
किम् | क | pos=n,g=n,c=1,n=s |
श्रेयः | श्रेयस् | pos=a,g=n,c=1,n=s |
पुरुषस्य | पुरुष | pos=n,g=m,c=6,n=s |
हि | हि | pos=i |
बन्धु | बन्धु | pos=n,comp=y |
नाशे | नाश | pos=n,g=m,c=7,n=s |
महीपाल | महीपाल | pos=n,g=m,c=8,n=s |
राज्य | राज्य | pos=n,comp=y |
नाशे | नाश | pos=n,g=m,c=7,n=s |
ऽपि | अपि | pos=i |
वा | वा | pos=i |
पुनः | पुनर् | pos=i |