महाभारतम् — 12.219.2
Original
Segmented
श्रिया विहीनम् आसीनम् अक्षोभ्यम् इव सागरम् भव-अभव-ज्ञम् भूतानाम् इति उवाच पुरंदरः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
श्रिया | श्री | pos=n,g=f,c=3,n=s |
विहीनम् | विहा | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
आसीनम् | आस् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
अक्षोभ्यम् | अक्षोभ्य | pos=a,g=m,c=2,n=s |
इव | इव | pos=i |
सागरम् | सागर | pos=n,g=m,c=2,n=s |
भव | भव | pos=n,comp=y |
अभव | अभव | pos=n,comp=y |
ज्ञम् | ज्ञ | pos=a,g=m,c=2,n=s |
भूतानाम् | भूत | pos=n,g=n,c=6,n=p |
इति | इति | pos=i |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
पुरंदरः | पुरंदर | pos=n,g=m,c=1,n=s |