महाभारतम् — 12.218.33
Original
Segmented
शक्र उवाच ब्रह्मणा अस्मि समादिष्टो न हन्तव्यो भवान् इति तेन ते ऽहम् बले वज्रम् न विमुञ्चामि मूर्धनि
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
शक्र | शक्र | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
ब्रह्मणा | ब्रह्मन् | pos=n,g=m,c=3,n=s |
अस्मि | अस् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
समादिष्टो | समादिस् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
न | न | pos=i |
हन्तव्यो | हन् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=krtya |
भवान् | भवत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
इति | इति | pos=i |
तेन | तेन | pos=i |
ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
ऽहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
बले | बलि | pos=n,g=m,c=8,n=s |
वज्रम् | वज्र | pos=n,g=n,c=2,n=s |
न | न | pos=i |
विमुञ्चामि | विमुच् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
मूर्धनि | मूर्धन् | pos=n,g=m,c=7,n=s |