Original

शक्र उवाच ।यदि स्म बलिना ब्रह्मञ्शून्यागारे समेयिवान् ।हन्यामेनं न वा हन्यां तद्ब्रह्मन्ननुशाधि माम् ॥ ९ ॥

Segmented

शक्र उवाच यदि स्म बलिना ब्रह्मञ् शून्य-आगारे समेयिवान् हन्याम् एनम् न वा हन्याम् तद् ब्रह्मन्न् अनुशाधि माम्

Analysis

Word Lemma Parse
शक्र शक्र pos=n,g=m,c=1,n=s
उवाच वच् pos=v,p=3,n=s,l=lit
यदि यदि pos=i
स्म स्म pos=i
बलिना बलि pos=n,g=m,c=3,n=s
ब्रह्मञ् ब्रह्मन् pos=n,g=m,c=8,n=s
शून्य शून्य pos=a,comp=y
आगारे आगार pos=n,g=n,c=7,n=s
समेयिवान् समे pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
हन्याम् हन् pos=v,p=1,n=s,l=vidhilin
एनम् एनद् pos=n,g=m,c=2,n=s
pos=i
वा वा pos=i
हन्याम् हन् pos=v,p=1,n=s,l=vidhilin
तद् तद् pos=n,g=n,c=2,n=s
ब्रह्मन्न् ब्रह्मन् pos=n,g=m,c=8,n=s
अनुशाधि अनुशास् pos=v,p=2,n=s,l=lot
माम् मद् pos=n,g=,c=2,n=s